कोरोना वायरस के प्रकोप में दमा रोग जानलेवा साबित हो सकता है, यह हृदय रोग से भी घातक है : डॉ पीयूष अरोरा-दीप्ति राठी

 


न्यूजडेस्क। 5 मई को प्रति वर्ष विश्व अस्थमा (दमा) दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर अजमेर के जेएलएन अस्पताल के रेस्पिरेटरी मेडिसन विभाग के अस्सिटेंट प्रो. डॉ.पीयूष अरोरा और पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल की दमा रोग विशेषज्ञ डॉ. दीप्ति राठी से संवाद किया गया। डॉ. दीप्ति का कहना रहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के मददेनजर दमा रोग जानलेवा साबित हो सकता है। जो लोग दमा रोग से ग्रसित हैं, उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण से बचना चाहिए। दमा रोग के संक्रमण की गंभीरता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि भारत में 42 प्रतिशत मौतों का कारण दमा रोग है। यह रोग हृदय रोग से भी घातक है। चूंकि इन दिनों देश-दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप है, इसलिए दमाग्रस्त रोगियों को बेहद सावधानी बरतने की जरुरत है। यदि किसी दमा रोगी को कोरोना का संक्रमण हो जाता है तो फिर उसकी जान भी जा सकती है। अच्छा हो कि दमा ग्रस्त रोगी इन दिनों अपने घर से बाहर ही नहीं निकले जो दमा रोगी नियमित तौर पर स्टीरॉयड इनहेलर का उपयोग करते हैं उन्हें  इसका नियमित उपयोग करते रहना चाहिए। कोरोना वायरस के संक्रमण के समय स्टीरॉयड इनहेलर का उपयोग बंद करना जानलेवा हो सकता है। डॉ. पीयूष और दीप्ति ने कहा कि इनहेलर को कभी भी दूसरे के साथ सांझा नहीं करना चाहिए। यदि किसी दमा रोगी को इन दिनों खांसी, बुखार या सांस फूलने की शिकायत है तो उसे तुरंत डॉ. से सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब नियमित हाथ धोना बाहर निकलने पर मुंह पर मास्क लगाना दैनिक दिनचर्या में शामिल हो जाना चाहिए। जो व्यक्ति दमा रोगी है उसे किसी भी बहाने से अपने घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। उन्होंने बताया कि इन दिनों देशभर में कोरोना वायरस की वजह से जितनी भी मौते हो रही है, उनके पीछे कोई न कोई रोग है। देश में सबसे ज्यादा दमा रोगियों की संख्या है। ऐसे में दमा रोगियों को बेहद सतर्कता बरतने की जरुरत है। डॉ. पीयूष अरोरा जेएलएन अस्पताल के साथ साथ वैशाली नगर एलआईसी कॉलोनी में अरोरा एलर्जी अस्थमा एंड चेस्ट केयर क्लिनिक पर भी शाम के समय नियमित सेवाएं देते है। अस्थमा रोग के बारे में मोबाइल नम्बर 9887088122 पर डॉ. पीयूष अरोरा से संवाद किया जा सकता है। 
(साभार:एसपी.मित्तल)