न्यूजडेस्क। यूं तो लॉकडाउन के तीसरे चरण में 4 मई से भाजपा शासित मध्यप्रदेश में और आमआदमी पार्टी शासित दिल्ली में भी शराब की बिक्री शुरू हो गई। लेकिन कांग्रेस शासित राजस्थान में शराब की बिक्री शुरू होना खास मायने रखता है। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान तथा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्वयं को कभी भी गांधी वादी नेता नहीं बताया। लेकिन सब जानते हैं कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत स्वयं को न केवल गांधीवादी मानते हैं बल्कि स्वयं पर महात्मा गांधी के जीवन का प्रभाव भी स्वीकारते हैं। यही वजह है कि अशोक गहलोत देश के उन चुनिंदा राजनेताओं में से एक है, जो शराब का सेवन नहीं करते है। यह भी सब जानते हैं कि महात्मा गांधी ने कहा था कि यदि मुझे शराब की कमाई से स्कूल चलानी पड़े तो मैं ऐसी स्कूल को बंद करना ही बेहतर समझूंगा। यानि महात्मा गांधी अपने जीवन काल में हमेशा शराब की बिक्री के खिलाफ रहे। लेकिन महात्मा गांधी के अनुयायी अशोक गहलोत मौजूदा परिस्थितियों में शराब की बिक्री से प्राप्त होने वाले करोड़ों रुपए के राजस्व का मोह नहीं छोड़ सके हैं। हालांकि कांग्रेस शासित छत्तसीगढ़ में 4 मई से शराब की बिक्री शुरू नहीं हुई है। लेकिन राजस्थान में 4 मई से रेड जोन वाले जिलों में भी शराब की दुकानें खुल गई है। लॉकडाउन में गत 22 मार्च से ही प्रदेश भर में शराब की दुकाने बंद पड़ी है। यही वजह रही कि 42 दिन बाद जब 4 मई को दुकानें खुली तो पियक्कड़ों की लम्बी लाइन लग गई। हालांकि पियक्कडों ने सोशल डिस्टेसिंग का ख्याल रखकर लाइन बनाई लेकिन फिर भी कई स्थानों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। पियक्कड़ों की भीड़ से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शराब पीने के लिए लोग कितने उतावले हैं। सब जानते हैं कि शराब पीना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। शराब पीने से अनेक बीमारियां भी हो जाती है। डायबिटीज रोगी के लिए तो शराब का सेवन जानलेवा है। इस सच्चाई को जानने के बाद भी राजस्थान में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच शराब की बिक्री शुरू की गई है। यह बिक्री तब शुरू हुई है, जब सीएम गहलोत राजस्थान को निरोगी प्रदेश बनाना चाहते हैं। सवाल उठता है कि जब बीमारियों की जड़ शराब की बिक्री गली मोहल्लों में की जाएगी तब राजस्थान निरोगी कैसे बनेगा? सामाजिक कार्यकर्ता और शराब बंदी आंदोलन से जुड़े एमएल गुप्ता का कहना है कि किसी भी सरकार को शराब की बिक्री जितना राजस्व प्राप्त होता है, उससे कहीं ज्यादा बीमार मरीजों के इलाज पर सरकार को खर्च करना होता है। यदि शराब न पीने से लोग बीमार ही नहीं होंगे तो सरकार को स्वत: ही बीमारी पर मोटी राशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी। गुप्ता ने कहा कि गांधीवादी सीएम गहलोत को शराब की बिक्री से होने वाली आय का मोह छोड़कर राजस्थान को निरोगी बनाना चाहिए।
सोनिया गांधी की एक अच्छी पहल:
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने घोषणा की है कि देशभर के कामगारों को इधर से उधर लाने के लिए रेल का किराया कांग्रेस की ओर से दिया जाएगा। इस संबंध में सभी प्रदेशाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि कामगारों के ट्रेन किराये का इंतजाम किया जाए। इसमें कोई दो राय नहीं कि श्रीमती गांधी की अच्छी पहल है। कोरोना वायरस के प्रकोप के मददेनजर घोषित लॉकडाउन की वजह से कामगार पिछले दो माह से बेरोजगार है, जब ऐसे कामगार दो वक्त की रोटी के लिए भामाशाहो की दया पर निर्भर है, तब ऐसे कामगारों के पास ट्रेन का किराया नहीं बचा है। यही वजह है कि हजारों कामगार अपने गंतव्य के लिए पैदल ही चल रहे हैं। अब यदि स्पेशल ट्रेन का किराया कांग्रेस देगी तो देशभर के कामगारों को राहत मिलेगी। सोनिया गांधी के निर्देश के बाद राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट सक्रिय हो गए हैं। जिन स्थानों पर श्रमिक फंसे हुए हैं, वहां के जिला अध्यक्षों से पायलट ने संवाद किया है। पायलट ने भी निर्देश दिए है कि जिन स्थानों से स्पेशल ट्रेन चलनी है, वहां के श्रमिकों का किराया कांग्रेस द्वारा जमा करवाया जाए।
(साभार: एसपी.मित्तल)