ये सर्वथा गलत है ; ऑनलाइन व्यापार को अनुमति प्रदान नहीं करे सरकार : बीईडीए



न्यूजडेस्क। वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में देशव्यापी लॉक डाउन के दौरान विदेशी स्वामित्व वाले इ कॉमर्स कंपनियों जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और अन्य ......से ऑनलाईन कारोबार को चालु करने की अनुमति देने के निर्णय का बैंगलोर इलेक्ट्रॉनिक डीलर्स एसोसिएशन (बीईडीए) द्वारा विरोध प्रकट किया गया है। साथ ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल  (उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री-भारत सरकार) से अनुरोध किया है कि 20 अप्रैल से इ कॉमर्स कंपनियों को कारोबार करने की अनुमति देने पर पुनः विचार किया जाए। यही नहीं कोरोना संक्रमण में एक योद्धा की भांति सेवारत देशी खुदरा व्यापारियों को ग्रीन जोन में अपनी अपनी दुकाने खोलने की अनुमति प्रदान की जाए। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता ललित डाकलिया ने बताया कि एसोसिएशन द्वारा उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे गए पत्र में अवगत कराया कि कॉविड -19  के उपरांत लॉकडाऊन को सफल बनाने में राष्ट्र के खुदरा व्यापारियों का अभूतपूर्व योगदान रहा है और एक योद्धा की भांति 130  करोड़ की जनता को खान पान की आवश्यक वस्तुएं प्रदान कर अपने राष्ट्र धर्म का पालन किया है। बकौल डाकलिया अन्य गैर जरुरी वस्तुए वाले व्यापारी भी लॉकडाऊन के दौरान वंचित वर्ग को लगातार भोजन इत्यादि की व्यवस्था में शामिल रहे है और अपने राष्ट्रधर्म का निर्वाह करते रहे है। उन्होंने यह भी बताया कि हमारे देश की उन्नति में लाखों व्यापारियों तथा छोटे उद्योगों का बडा योगदान रहा, जबकि उसी समय कोरोना के सन्दर्भ में ऑनलाइन कम्पनियों का मानव सेवा और राष्ट्र सेवा में‌ योगदान शून्य रहा, और ये कम्पनियां कहीं नजर भी नहीं आई।एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर पगारिया ने कहा कि आज जब अमेरिका जैसे विकसित राष्ट्र की अर्थव्यवस्था चरमरा उठी है वही भारत में 44 करोड़  रोज़गार देने वाला असंगठित वर्ग ने भारत की अर्थव्यवस्था का भार अपने कंधो पर रखा हुआ है। एसोसिएशन के मंत्री रिषभ दुगड़ ने कहा कि बड़ा खेद का विषय है कि सरकार द्वारा अपने घरेलु खुदरा व्यापारियों के हितों को अनदेखा कर विदेशी स्वामित्व वाले इ कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से गैर आवश्यक वस्तओं को ऑनलाइन के माध्यम से  विक्रय करने की अनुमति प्रदान कर दी है, घरेलु खुदरा व्यापारियों जो अर्थव्यवस्था की सुस्ती के चलते फिर कोरोना और इस हेतु लॉकडाऊन और बंद व्यापार में वेतन, बिजली एवं अन्य खर्च वहन करने के कारण पहले से ही संकटग्रस्त था, सरकार के इस कदम से मरणासन्न अवस्था में पहुंच जाएगा। उपाध्यक्ष विशाल वरन्दानी ने जोर देकर कहा कि कोरोना संक्रमण को ज्यादा फैलाव रोकने में सिर्फ स्थानीय दूकानदार ही सक्षम है क्यूंकि वह अपने यहाँ आने वाले प्रत्येक ग्राहक से पूर्ण परिचित रहता है, जबकि इ कॉमर्स वाले सदैव अनजान व्यक्ति से लेनदेन करते है और कोरोना संक्रमण को फैला सकते है, जैसे पिज़्ज़ा डिलीवरी बॉय के कारण 74  लोग कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए। सहमन्त्री अरुण लूणावत ने कहा कि सरकार का आदेश है कि लॉक डाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को पूर्ण वेतन दे, किराया दे, सभी करों का भुगतान करे, बिजली, पानी का बिल भुगतान करे, तो इन सब के लिए धन की व्यवस्था तभी संभव है, जब व्यापार चले और धन प्राप्ति हो। राष्ट्र हित में सभी प्रकार के खुदरा व्यापार का चलना अति आवश्यक है। बैंगलोर इलेक्ट्रॉनिक डीलर्स एसोसिएशन ने वाणिज्य मंत्री  पियूष गोयल के माध्यम से भारत सरकार से अनुरोध किया कि विदेशी स्वामित्व वाले इ कॉमर्स को अगले कुछ माह तक किसी भी प्रकार के कारोबार की अनुमति प्रदान ना की जाए और राष्ट्र के अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता एवं युवाओं के रोज़गार सुनिश्चित करने हेतु स्थानीय दुकानदारों, ग्रीन जोन के अंतर्गत कार्यरत, को प्राथमिकता एवं आवश्यक सुविधा प्रदान की जाए जिससे वह कोरोना के संक्रमण को रोकते हुऐ राष्ट्र के आर्थिक चक्र को पुन:जीवित कर सके।