पहली बार सरकारी बैंक मुनाफे में : राष्ट्रपति वेतन वृद्धि को लेकर देश भर में सरकारी बैंककर्मी हड़ताल पर, मार्च माह में 6 दिन लगातार बैंक बंद रहेंगे

 


न्यूज डेस्क। 31 जनवरी को संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यह पहला अवसर है, जब देश के 12 सरकारी बैंक मुनाफ में आए हैं। सरकार ने ऋण देने और वसूली की जो योजनाएं बनाई, उसी का परिणाम है कि बैंक लाभ की स्थिति में है। देश के बैंकिंग कारोबार के लिए यह शुभ संकेत हैं। लेकिन वहीं 31 जनवरी को देशभर के सरकारी बैंकों के कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए। इससे देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक में काम काज पूरी तरह ठप रहा। पंजाब नेशनल बैंक, बड़ौदा बैंक आदि में दफ़्तरों के ताले तक नहीं खुले। यह हड़ताल तब की है जब महीने के अंतिम और माह की शुरुआत के पहले दिन कर्मचारियों को वेतन, पेंशन आदि का भुगतान होता है। सबसे ज्यादा ग्राहक एसबीआई के ही हैं। चूंकि हड़ताल एक फरवरी को भी रहेगी, इसलिए अब तीन फरवरी को ही बैंक खुल पाएंगे। दो फरवरी को रविवार होने के कारण बैंक बंद रहेंगे। मार्च माह में भी लगातार छह दिनों तक बैक बंद रहेंगे। कर्मचारियों के समूह ने बताया कि 11,12 व 13 मार्च को हड़ताल की घोषणा की है, लेकिन होली पर्व की वजह से 8 मार्च से ही बैंक बंद हो जाएंगे। 8 मार्च को रविवार है, जबकि 9 मार्च को होली दहन तथा 10 मार्च को धुलंडी का अवकाश है। बैंक कर्मचारियों का कहना है कि प्रत्येक पांच वर्ष में वेतन वृद्धि का समझौता सरकार के साथ होता है। वर्ष 2012 में हुआ समझौता 31 अक्टूबर 2017 को समाप्त हो गया, लेकिन सारकार ने अभी तक नए समझौते पर वार्ता नहीं की है। इससे सरकारी बैंक कर्मचारियों में रोष है। सरकार पर दबाव बनाने के लिए हड़ताल का सहारा लिया जा रहा है। यदि सरकार ने मार्च माह की हड़ताल के बाद भी वेतन वृद्धि नहीं की तो एक अप्रैल 2020 से बेमियादी हड़ताल की जाएगी। बैंक कर्मचारी मौजूदा वेतन में 20 प्रतिशत की वृद्धि की मांग कर रहे हैं। बैंक यूनियनों के नेताओं का कहना है कि आम ग्राहक को होने वाली परेशानी की जिम्मेदारी सरकार की है। सरकार को अपने बैंक कर्मियों की सुविधाओं का भी ख्याल रखना चाहिए। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की वजह से बैंकों पर पहले ही काम का बोझ है। 


प्राइवेट बैंकों में काम काज सामान्य..
31 जनवरी को जहां सरकारी बैंकों में हड़ताल रही वहीं प्राइवेट बैंकों में काम काज सामान्य तौर पर हुआ। प्राइवेट बैंको के एटीएम भी सुचारू रूप से काम करते रहे। जिन ग्राहकों के खाते प्राइवेट बैंकों में है उन्हें सरकारी बैंकों की हड़ताल से कोई फर्क नहीं पड़ा। 
(साभार: एसपी.मित्तल)