लोककल्याण के लिए देव, गुरु में श्रद्धा-विश्वास जरूरी : राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा.


 


नववर्ष महामांगलिक श्रवण करने नाकोड़ा तीर्थ में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब  



कैबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया भी रहे मौजूद, संतश्रीजी का ट्रस्ट मंडल ने किया सत्कार


मेवानगर नाकोडा तीर्थ। विश्व विख्यात कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीति, राष्ट्रसंत, सिद्धि सम्राट डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने कहा कि कलयुग में देव, गुरु के प्रति श्रद्धा और विश्वास से ही हर चमत्कार संभव है। उन्होंने कहा परमात्मा किसी भी श्रद्धालु की भाव भरी आस्था पर उसे साक्षात दर्शन अथवा कृपा प्रदान करते ही हैं। वे यहां नाकोड़ा तीर्थ धाम में नववर्ष के मोके पर प्रति वर्ष की भांति संगीतमय भैरवभक्ति एवं दिव्य महामांगलिक अवसर पर देश-विदेश के अनेक गांव-शहरों, महानगरों से आए श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। जैन श्वेतांबर नाकोड़ा पाश्र्वनाथ तीर्थ के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ वसंतविजयजी ने मंत्रों की शक्ति से स्तंभित करते हुए सैकड़ों लोगों के पर्स, जेब में ₹5 के सिक्के से ₹500 तक की राशि की उपलब्धता सार्वजनिक रूप से दिखलाई। भक्ति की शक्ति का साक्षात चमत्कार के रूप में अधिकतम लोगों को पांच रुपए के सिक्के प्राप्त होने की बतलाते हुए वे बोले कि भक्ति अंधविश्वास से कतई नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि ईश्वर के दरबार में प्रसन्न रहने वाला व्यक्ति इस दुनियावी संसार में भी हर दृष्टिकोण से प्रसन्न रहता है। राष्ट्रसंतश्रीजी ने कहा कि ज्ञान और भक्ति ही मनुष्य को शक्ति और सद्मार्ग दिखा सकती है। आध्यात्मिकता से कोसों दूर जा रहे युवा वर्ग की विशाल उपस्थिति में संतश्रीजी ने कहा नववर्ष जैसे पर्व पर डिस्को या नशावृत्ति की बजाय आध्यात्मिक भक्ति उनके जीवन की दिशा और दशा बदलकर उन्हें उत्थानपरक मार्ग पर बढ़ा सकती है। राजस्थान सरकार में खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, रांका ज्वेलर्स ग्रुप पुणे वस्तुपाल रांका सहित नाकोड़ा तीर्थधाम के ट्रस्टी एवं गौशाला के संयोजक चंद्रशेखर छाजेड़, मंदिर व्यवस्था समिति के संयोजक गजेंद्र सकलेचा, पूर्व चेयरमैन अमृतलाल छाजेड़, कोषाध्यक्ष अशोक चोपड़ा, जतनराज कोठारी, पूर्व अध्यक्ष एवं ट्रस्टी प्रकाश बडेरा, आनंद हूड़िया, जितेंद्र चोपड़ा, पूर्व ट्रस्टी नवरत्न श्रीश्री माल, तीर्थ धाम के प्रशासक जितेश मेहता, कृष्णगिरी पार्श्वपद्मावती भक्त मंडल इंदौर (मध्य प्रदेश) के अध्यक्ष अभय बागरेचा, अरविंद बांठिया, दिव्य चोपड़ा, राजेन्द्र कोठारी, अर्पिता जितेंद्र बाफना, रितेश नाहर सहित अनेक गणमान्य जनों की मंचासीन उपस्थिति रही। नववर्ष की बेला में अलसुबह तक चले इस भक्ति संगीत के कार्यक्रम में डॉ वसंतविजयजी ने एक से बढ़कर एक भजनों के साथ मूलाधार चक्र से सिद्ध बीज मंत्रों के शक्तिपात से शारीरिक कष्ट निवारक एवं सुख समृद्धिदायक सामूहिक जाप भी कराया। डॉक्टर वसंतविजयजी ने नौ ग्रह, 12 राशियों व 21 नक्षत्रों के स्वामी भगवान भैरवनाथ के अति चमत्कारिक संगीतमय भैरवाष्टकम सहित देवदर्शन, कंपन व प्रकाशमय रोशनी का अहसास भी अपनी दिव्य मांगलिक से कराया, साथ ही भगवान भैरवनाथजी के 1008 नामों का भी एक धार क्रमबद्ध वाचन कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ वसंतविजयजी ने इस मौके पर "भक्ति की रात है भैरू का भी साथ है.., भैरू संग रहूंगा तो ऐसे करूंगा है.., ए मेरे भैरूनाथ-मेरी जिंदगी को ऐसे सजा दीजिए.., भेरु तुझसे है पहले का नाता कोई यूं ही कोई नाकोडा आता नहीं.., मेरा भैरव नाकोडा वाला.., नमो विघ्नहर्ता-नमो डमरूधारी.., स्वान सवारी करके भैरू आ गए.., आओ आओ भेरू जी भोग लगाओ है छप्पन भोग तैयार जी.., कमाल हो गया जी कमाल हो गया.., भरदे झोली मेरी भैरू बाबा-लौटकर अब ना आऊंगा खाली.." सरीखे अनेक भजनों की सुरमयी प्रस्तुतियां श्रोताओं की तालियों की गूंज के साथ दी। इस अवसर पर ट्रस्ट मंडल के पदाधिकारियों द्वारा संतश्रीजी का कांबली ओढाकर सत्कार भी किया गया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पारस चैनल पर हुआ। संगीतकार दीपक करणपुरिया एंड पार्टी के कलाकारों ने भी प्रस्तुतियां दी। सभी का आभार चंद्रशेखर छाजेड़ ने जताया।